11 अगस्त 2021 को संबिधान में एक बिल पास हुई जिसका नाम 127वां संविधान संशोधन बिल है जिसको OBC Bill कहा जा रहा है। इस बिल के पास हो जाने के बाद अब राज्य सरकारे अपने अपने राज्य मे समाज के पिछड़े हुये लोगों का OBC लिस्ट तैयार कर सकते है।
इससे पहले तक की इन सारे समाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े हुए लोग या जाती को OBC के लिस्ट मे सामील करने के लिये केंद्र सरकार की मंजूरी लेना पड़ता था।
लेकिन अब राज्य सरकार को अपने अपने राज्य की इन सारे लोगों को OBC बर्ग मे सामील करने के लिये केंद्र सरकार की मंजूरी की इंतज़ार नही करना होगा।

OBC bill में बदलाऊ
OBC Bill” में बदलाव करने की प्रक्रिया विशिष्टतर देश और उसके संविधान और कानूनों के तहत निर्धारित होती है। जब किसी देश में कोई सरकार या संसद या विधायिका के सदस्य बिल में परिवर्तन करने की योजना बनाती है, तो वह प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में होती है:
- प्रस्तावना और समीक्षा: प्रस्तावना के साथ, सरकार या संसद या विधायिका के सदस्य विशिष्ट बिल के परिवर्तन का सुझाव देते हैं। यह प्रस्तावना विस्तार से विचार किए जाते हैं और उन्हें उस बिल के संशोधन के लिए विशेष समितियों में भेजा जा सकता है।
- समितियों में समीक्षा और संशोधन: समितियों में बिल का मूल्यांकन किया जाता है, और उन्हें आवश्यकता अनुसार संशोधित किया जाता है। यहां तक कि विशेष जन समितियों में भी बिल के प्रावधानों को समीक्षित किया जा सकता है।
- वोटिंग और पारिति: बिल के पारित होने के लिए समितियों और संसद या विधायिका के सदस्यों के बीच वोटिंग की प्रक्रिया होती है। यदि बिल को अधिकांश वोट से पास किया जाता है, तो वह पास हो जाता है।
- राजद्वार: जब बिल को पास किया जाता है, तो यह राष्ट्रपति या संविधान के अनुसार दिए गए राजद्वार को प्राप्त करता है। राष्ट्रपति इसे स्वीकार कर सकते हैं और बिल को कानून बना सकते हैं या इसे वापस भेज सकते हैं यदि वे किसी अशुद्धि का संदेश देते हैं।
बिल में परिवर्तन करने की प्रक्रिया केवल निर्धारित समयों पर होती है और यह संविधान और कानूनों के अनुसार होती है। OBC Bill में परिवर्तन करने के लिए यह प्रक्रिया भिन्न-भिन्न देशों में अलग हो सकती है, और बिल के प्रस्तावना से लेकर उसके पास होने तक कई महीनों तक की प्रक्रिया हो सकती है।
हम लोग जब जानने की कौशिश कर रहे थे OBC Bill 2021 kya hai तब पता चला लोकसभा में OBC विल के पक्ष में 385 वोट पड़े है। एक भी वोट इसके बिपक्ष मे नही गय है। ओर इस बिल को 14 बिपक्ष पार्टीयों का समर्थन मिला।
इससे पहले सरकार ने बर्ष 2018 मे OBC को लेकर एक संविधान संशोधन बिल पास किया था और उस बिल के जरिए सरकार ने संविधान मे 3 नए धाराये जोड़ दी थी। जिसके तहद एक आयोग का गठन किया गया था पिछड़े बर्ग के लिये।
पिछड़े बर्ग मे कौन कौन सामील होगा इस पर निर्णय लेने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार को दे दिया गया था। ओर इससे चलते कौन लोग पिछड़े बर्ग मे सामील होगा ओर कौन नही होगा इसको तय करने का अधिकार केंद्र सरकार के पास चले गए थे।
OBC Bill 2021 पास कैसे हुआ
OBC (Other Backward Classes) Bill को पास करने की प्रक्रिया देश के संविधान और संसद के नियमों के अनुसार विशेष प्रक्रिया के तहत की जाती है। यह प्रक्रिया विभिन्न देशों और उनके संविधानों के अनुसार भिन्न हो सकती है, लेकिन आमतौर पर निम्नलिखित चरणों को शामिल करती है:
- बिल की प्रस्तावना: सबसे पहले, किसी भी बिल की प्रस्तावना किसी सदस्य के द्वारा की जाती है, जो संसद या विधायिका का हिस्सा होता है। इस प्रस्तावना में बिल के उद्देश्य, विवरण, और प्रावधानों का विवरण शामिल होता है।
- समीक्षा और परिवर्तन: बिल की प्रस्तावना के बाद, यह विधायिका या संसद के विशेष समितियों में समीक्षित और संशोधित किया जाता है। समितियों में सदस्य विस्तार से बिल का मूल्यांकन करते हैं और उसमें कोई आवश्यक संशोधन करते हैं, यदि आवश्यकता होती है।
- बिल की पारिति: जब बिल को समितियों और संसद या विधायिका के द्वारा मंजूरी मिलती है, तो यह पास हो जाता है। यह वोटिंग के बाद होता है, जिसमें सदस्य अपने मतदान द्वारा बिल के पक्ष या विपक्ष में वोट करते हैं।
- राजद्वार: बिल के पास होने के बाद, यह राष्ट्रपति या संविधान के अनुसार दिए गए राजद्वार को प्राप्त करता है। राष्ट्रपति इसे स्वीकार कर सकते हैं और बिल को कानून बना सकते हैं या इसे वापस भेज सकते हैं यदि वे किसी अशुद्धि का संदेश देते हैं।
OBC Bill की पारिति देश के संसद या विधायिका के नियमों और प्रक्रियाओं के अनुसार होती है, और यह बिल के प्रस्तावना से लेकर उसके पास होने तक कई महीनों तक की प्रक्रिया हो सकती है। इस प्रक्रिया के अनुसार, यह पास होता है और कानून बन जाता है।
जैसे की मैंने बताया हु बर्ष 2018 मे OBC बिल में मंजूरी देने का अधिकार केंद्र सरकार के हाथ में चला गया था। इसी आधार पर चलती बर्ष में जब महाराष्ट्र सरकार ने मराठा आरक्षण देने की कौशिश कि तो सुप्रेम कोर्ट ने उसे खारिज कर दी।
सुप्रेम कोर्ट ने कहा था 2018 में OBC बिल के अंदर जो बदलाओ हुए थे उसके चलते राज्य के पास पिछड़े बर्ग का लिस्ट बनाने का अधिकार नही है क्यूँ की इसपर अंतिम निर्णय लेने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार के पास है।
ओर इसके बाद से ही 2018 में बाना इस कानून का बिरोध लगातार चल रहा था। अब इस बिरोध को देखते हुए केंद्र सरकार ने इस बिल मे सुधार करने की निर्णय लिया।
OBC Biil 2021 का फायदे
OBC (Other Backward Classes) Bill का पास होने के कई फायदे हो सकते हैं, जो निम्नलिखित हो सकते हैं:
- सामाजिक समानता: OBC बिल के माध्यम से ओबीसी जातियों को सामाजिक समानता की दिशा में मदद प्राप्त होती है। इससे वे उन सामाजिक और आर्थिक असमानताओं को कम करने का अधिकार प्राप्त कर सकते हैं जिन्होंने इतिहास में पिछड़ावा महसूस किया है।
- शिक्षा में पहुँच: OBC बिल के तहत, ओबीसी जातियों को शिक्षा के क्षेत्र में अधिक अवसर मिलते हैं। वे आरक्षित सीटों पर प्रवेश करके उच्च शिक्षा के क्षेत्र में पहुँच प्राप्त कर सकते हैं।
- रोजगार: OBC बिल के माध्यम से, ओबीसी जातियों को सरकारी और निजी क्षेत्र के रोजगार में अधिक अवसर प्राप्त होते हैं। इससे उन्हें आर्थिक सुरक्षा मिलती है और उनका सामाजिक उत्थान होता है।
- सामाजिक उत्थान: OBC बिल के अधिकारियों के माध्यम से, ओबीसी जातियों का सामाजिक और आर्थिक उत्थान होता है, जिससे उनकी जीवनस्तर में सुधार हो सकता है।
- समाज में योगदान: OBC बिल के माध्यम से, ओबीसी जातियों को समाज में अधिक योगदान करने का मौका मिलता है। इससे समाज का सामाजिक और आर्थिक विकास होता है।
यह याद दिलाया जाना चाहिए कि OBC बिल के फायदे और प्रभाव देश के संविधान, कानून, और संसद की नीतियों पर आधारित होते हैं, और इनका प्रभाव विभिन्न देशों और राज्यों में भिन्न हो सकता है।
अब ये OBC Bill 2021 मे बदलाओ के साथ साथ कानून बन जाने के बाद 600 से भी जादा जातियों को फायदा मिलेगा। और राज्य सरकारे इन सारे लोगों को अपने मर्जी के खातिर OBC मे शामिल कर सकते है, ओर निश्चित रूप से ये करेगा।
ओर इन सारे लोगों को शिक्षा ओर नौकरी मे आरक्षण दे पाएगा। ऐसे तो बहत सारे राज्य की सरकार ने पहले से ही इसका लिस्ट तय करके रक्खे है। क्यूँ की अब इसके लिये केंद्र सरकार की कोई मंजूरी की अपेक्षा नही करना पड़ेगा।
उत्तर प्रदेश की सरकार ने पहले से ही 39 ऐसे जातियों की लिस्ट तैयार कर के रक्खे है जिनको अभी OBC के अंतर्गत शामिल किया जाएगा। ओर धीरे धीरे अन्य राज्य भी ऐसा करना शुरू कर देगा।
इस बिल को कानून बन जाने के बाद जनसंखा के एक बहत बड़े हिस्सा को फायदे होगा।
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OBC का आखड़े
OBC का आखड़ा” (OBC quota) आमतौर पर सरकारी नौकरियों, शिक्षा, और अन्य सामाजिक योजनाओं में ओबीसी (Other Backward Classes) जातियों को आरक्षित सीटों पर प्रवेश का अधिकार प्रदान करने के लिए होता है। यह आरक्षित सीटें ओबीसी जातियों के लिए उपलब्ध होती हैं, जिन्हें इतिहास में सामाजिक, आर्थिक, और शैक्षिक रूप से पिछड़ावा महसूस किया जाता है।
ओबीसी का आखड़ा एक प्रक्रिया होती है जिसमें ओबीसी जातियों के उम्मीदवारों को आरक्षित सीटों पर प्रवेश के लिए आवेदन करने की अनुमति दी जाती है। इसके लिए आवेदकों को आरक्षित सीटों के लिए पात्रता मानदंड पूरा करना होता है, जो आरक्षित वर्गों के लिए निर्धारित किए जाते हैं।
ओबीसी का आखड़ा एक समाज में समाजिक समानता और यक्ष्म वर्गों के लिए सामाजिक उत्थान को प्राप्त करने का प्रयास होता है, ताकि वे भी समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अधिकार प्राप्त कर सकें। इस प्रकार का आरक्षण कई देशों में अपनाया जाता है, ताकि सामाजिक समानता और न्याय की साधना की जा सके।
अभी हमारे भारत देश में आरक्षण का जो सीमा है बो कुल जनसंखा की 50% है। येणे की 50% से उपर आरक्षण नही हो सकता है। जबकि OBC समुदाय के संखा पहले से ही इससे जादा है। कुछ राज्य के रिपोर्ट के मुताबिक उनके राज्य में OBC का आबादी 60% से उपर है।
अब ऐसे में देखना ये है की OBC के लिस्ट इतना लंबा होने के बाद भी सभी राज्य सरकारे मिलकर क्या फैशला लेता है ओर इस काम को आगे कैसे निभा रहा है।
अब ऐसे मे केंद्र सरकार के पास और एक आबेदन सभी राज्य सरकार ने मिलके कर रहे है आरक्षण के इस 50% की सीमा को हटाने के लिये ओर केंद्र सरकार का जबाब बो इसपर बिचार कर सकते है।
OBC Bill 2021 क्या है
OBC Bill” आमतौर पर उस समय के संदर्भ पर निर्मित होता है जब किसी देश के संसद या विधायिका में किसी विशेष प्रकार के आरक्षित वर्गों (ओबीसी – Other Backward Classes) के लिए कानूनी प्रावधान को पारित करने की प्रक्रिया के बारे में होता है।
इस प्रकार के बिल आमतौर पर विशेष वर्गों के लिए समाज में उनके उत्थान और सामाजिक समानता को प्राप्त करने के उद्देश्य से पारित किए जाते हैं। इन बिलों के माध्यम से आरक्षित वर्गों को आरक्षित सीटों पर नौकरियों, शिक्षा, और अन्य सामाजिक योजनाओं में लाभ प्राप्त करने का अधिकार प्रदान किया जाता है।
भारत में, “OBC Bill” के तहत ओबीसी जातियों के लिए आरक्षित सीटों की प्रक्रिया और प्रावधानों को पारित करने के लिए विभिन्न राज्य सरकारों और केंद्र सरकार ने कई बार क़ानून पारित किए हैं। इन बिलों में ओबीसी जातियों को सामाजिक और आर्थिक रूप से उत्थान करने के उद्देश्य से उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का लाभ प्राप्त करने का हक प्राप्त होता है।
कृपया ध्यान दें कि “OBC Bill” का विवरण देश और समय के आधार पर भिन्न हो सकता है, इसलिए आपको अपने देश के कानून और समाज में चल रहे विवादों के साथ इसकी सटीक जानकारी के लिए अपने स्थानीय संसद या सरकारी अधिकारियों से संपर्क करना चाहिए।
OBC बिल 2021 एक संबिधान संशोधन बिल है जिसके तहद हर एक राज्य सरकारे अपने अपने राज्य मे ओबीसी लिस्ट तैयार कर सकते है बिना किसी केंद्र सरकार के मंजूरे लिये।
OBC Bill 2021 पास कैसे हुआ
महाराष्ट्र सरकार ने जब मराठा आरक्षण देने की कौशिश कड़ी तब सुप्रीम कोर्ट ने बताया की आरक्षण देने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार के पास है। उसको बाद बिरोध हुआ ओर संबिधान मे बदलाओ करके इसका अधिकार अब राज्य सरकार को दे दिया गया।
OBC Bill के पक्ष में कितना वोट पड़ा
ओबीसी बिल के पक्ष में 385 वोट पड़ा एक भी वोट बिपक्ष में नही पड़ा।
आरक्षण के बारे में बिचार
आरक्षण (Reservation) एक सामाजिक न्याय और समाजिक उत्थान के लिए एक प्रकार की सामाजिक प्रतिबद्धता है जिसका उद्देश्य विभिन्न सामाजिक और आर्थिक असमानताओं को कम करना है। यह अक्सर विभिन्न वर्गों, जातियों, और समुदायों के लोगों के लिए विशेष रूप से रिजर्व की जाती है जो ऐसे वर्गों में शामिल हैं जिन्होंने इतिहास में सामाजिक, आर्थिक, और शैक्षिक रूप से पिछड़ावा महसूस किया है।
आरक्षण के बारे में विचार विभिन्न दृष्टिकोणों से रहते हैं:
- सामाजिक न्याय: आरक्षित श्रेणी के लोगों को समाज में समान अवसर और पहुँच प्रदान करने का उद्देश्य होता है। यह उन लोगों के लिए होता है जो इतिहास में आर्थिक और सामाजिक रूप से निष्कलंक रूप से पिछड़े हुए हैं।
- शिक्षा में आरक्षण: शिक्षा के क्षेत्र में आरक्षण का उद्देश्य शिक्षा के अधिकार को सुनिश्चित करना है। इससे शिक्षा के क्षेत्र में समाज में पिछड़े वर्गों के लोगों को समान अवसर मिलते हैं।
- रोजगार में आरक्षण: कुछ देशों में, सरकारी नौकरियों और निजी क्षेत्र के रोजगारों में आरक्षित श्रेणी के लिए रिजर्व की जाती है। इससे आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के लोगों को रोजगार के अधिकार मिलते हैं।
- सांविदानिक और गैर-सांविदानिक आरक्षण: कुछ देश अपने संविधान या कानून में आरक्षण को सांविदानिक रूप से प्रावधान करते हैं, जबकि दूसरे देश आरक्षण को गैर-सांविदानिक रूप से प्रावधान करते हैं।
- समाज में विवाद: आरक्षण के बारे में समाज में विवाद हो सकता है, क्योंकि यह आरक्षित और अनारक्षित श्रेणियों के बीच में सामाजिक और राजनीतिक विवाद पैदा कर सकता है।
आरक्षण का उद्देश्य आर्थिक और सामाजिक समानता को प्राप्त करने के लिए होता है, लेकिन इसके प्राकृतिक प्रभाव और समाज में जातिवाद को लेकर विवाद भी हो सकते हैं। इसलिए, आरक्षण के बारे में चर्चा और निर्णय विभिन्न सामाजिक, आर्थिक, और सांविदानिक प्राधिकृतियों के आधार पर किए जाते हैं।
दोस्त मै आशा करता हूँ आप सब को ये तो पता चल गया होगा की OBC Bill 2021 Kya hai ओर इसके तहद सभी राज्यों के सरकार को अपने अपने पिछड़े हुए जाती या लोगों को OBC लिस्ट में सामील करने का अधिकार मिल गया है।
लेकिन बात ये है की कब तक हमारे देश में किसी को भी आरक्षण की जरूरत ही नही पड़ेगा। हर नागरिक इतना सक्षम हो सके ताकि बो जहा चाहे पद सके ओर नौकरी कर सके। किसी को कोई सब्सिडी की जरूरत ही ना पड़े।
इसमे आपका क्या बिचार है नीचे जरूर से लिखना।
OBC Bill 2021 क्या है – जानिए हिन्दी मे
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